ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कांग्रेस की इमोशनल कविता
सम्मान-सौहार्द का,
ये मंज़र न मिलेगा,
घर छोड़ कर मत जाओ,
कहीं घर न मिलेगा।
याद बहुत आयेंगे,
रिश्तों के ये लम्बे बरस,
साया जब वहाँ कोई,
सर पर न मिलेगा।
नफ़रत के झुंड में,
आग तो मिलेगी बहुत,
पर यहाँ जैसा कहीं,
प्यार का दर न मिलेगा।
घर छोड़कर मत जाओ,
कहीं घर न मिलेगा।
Jyotiraditya Scindia के लिए कांग्रेस की Emotional poetry in English
sammaan-sauhaard ka,
ye manzar na milega,
ghar chhod kar mat jao,
kaheen ghar na milega.
yaad bahut aayenge,
rishton ke ye lambe baras,
saaya jab vahaan koee,
sar par na milega.
nafarat ke jhund mein,
aag to milegee bahut,
par yahaan jaisa kaheen,
pyaar ka dar na milega.
ghar chhodakar mat jao,
kaheen ghar na milega.