कलम आज उनकी जय बोल (Kalam Aaj Unaki Jay Bol): ये कविता कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि ने देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से भरे देशभक्तों के द्वारा दिए बलिदान का वर्णन किया है। कलम आज उनकी जय बोल कविता के माध्यम से कवि कहता है हे कलम आज उन वीर शहीदों की विजय का गुणगान कर, उनके प्रशंसां के गीत लिख, जिन सपूतों ने अपना सब कुछ बलिदान करके देश में क्रान्ति की भावना जाग्रत् की है।
कवि अपनी कलम के माध्यम से राष्ट्र में नई चेतना फ़ैलाने वाले सपूतों का गुणगान करता हैं जिन्होंने बिना किसी मोल भाव के कर्तव्य की पुण्यवेदी पर अपने आप को न्योछावर कर दिया। इस कविता में दिनकर जी ने निस्वार्थ भाव से देश पर न्योछावर, होने वाले वीरों का गुणगान किया है।
कलम आज उनकी जय बोल
जला अस्थियाँ बारी-बारी,
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर,
लिए बिना गर्दन का मोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।
जो अगणित लघु दीप हमारे,
तूफानों में एक किनारे,
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन,
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।
पीकर जिनकी लाल शिखाएँ,
उगल रही सौ लपट दिशाएं,
जिनके सिंहनाद से सहमी,
धरती रही अभी तक डोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।
अंधा चकाचौंध का मारा,
क्या जाने इतिहास बेचारा,
साखी हैं उनकी महिमा के,
सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल,
कलम आज उनकी जय बोल।
Kalam Aaj Unaki Jay Bol
jala asthiyan bari-bari,
chitakai jinamen chingari,
jo chadh gaye punyavedi par,
lie bina gardan ka mol,
kalam, Aaj unaki jay bol.
jo aganit laghu dip hamare,
toophanon mein ek kinare,
jal-jalakar bujh gae kisi din,
manga nahin sneh munh khol,
kalam, Aaj unaki jay bol.
pikar jinaki lal shikhaen,
ugal rahi sau lapat dishaen,
jinake sinhanad se sahami,
dharati rahi abhi tak dol,
kalam, Aaj unaki jay bol.
andha chakachaundh ka mara,
kya jane itihas bechara,
sakhi hain unaki mahima ke,
surya chandr bhoogol khagol,
kalam, Aaj unaki jay bol.
FAQs: कलम आज उनकी जय बोल
Q: “कलम, आज उनकी जय बोल” हिंदी कविता के रचइता कौन हैं?
Ans: “कलम, आज उनकी जय बोल” हिंदी कविता के रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
Q: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म कब हुआ था?
Ans: कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म 23 सितंबर, 1908 को बिहार में हुआ था।
Q: कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पहली काव्य पुस्तक कौन थी?
Ans: कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पहली काव्य पुस्तक ‘विजय संदेश’ थी जो वर्ष 1928 में प्रकाशित हुई।
Q: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का प्रमुख महाकाव्य कौन सा है?
Ans: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का प्रमुख महाकाव्य उर्वशी है जो 1961 ई. में प्रकाशित हुई थी।