Bulati Hai Magar Jane Ka Nahin रहत इंदौरी साहब की एक लोकप्रीत हिंदी शायरी है जिसकी पहली दो लाइन युवाओं में काफी पसंद की जाती है जो Hindi Shayari की दुनिया में भी काफी प्रसिद्ध है। यह हिंदी शायरी तब और खूबसूरत हो जाती है जब Rahat Indori साहब खुद इस शायरी को किसी कवि सम्मलेन में सुनाते है।
Bulati Hai Magar Jane Ka Nahin | Best hindi shayari by Rahat Indori
बुलाती है मगर जाने का नहीं
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं
ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो
चले हो तो ठहर जाने का नहीं
सितारे नोच कर ले जाऊंगा
मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं
वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नहीं
वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नहीं
बुलाती है मगर जाने का नहीं | Best hindi shayari in English
Bulati hai magar jane ka nahin
ye duniya hai idhar jane ka nahin
Mere bete kisee se ishq kar
magar had se guzar jane ka nahin
Zameen bhee sar pe rakhanee ho to rakho
chale ho to thahar jane ka nahin
Sitaare noch kar le jaoonga
main khaalee haath ghar jane ka nahin
Vaba phailee huee hai har taraph
abhee maahaul mar jane ka nahin
Vo gardan naapata hai naap le
magar jaalim se dar jane ka nahin
RAHAT INDORI HINDI SHAYARI COLLECTION
सुनिए राहत इन्दौरी की सबसे लेटेस्ट शायरी VIDEO