एलआईसी के आईपीओ के साइज और आने की तारीख को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आइये जानते है इसकी पूरी जानकारी।
सरकार ने एलआईसी आईपीओ का साइज 5 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी करने का फैसला लिया है। साइज घटने के बाद भी एलआईसी का आईपीओ अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
अब एलआईसी की वैल्युएशन 12 लाख करोड़ रुपये घटाकर 6 लाख करोड़ रुपये हो गई है। अब पहले की तुलना में सरकार को एलआईसी के आईपीओ से कम पैसे मिलेंगे।
SEBI से एलआईसी को 12 मई तक आईपीओ लाने की इजाजत मिली है। अगर 12 मई तक LIC का IPO नहीं आया तो फिर LIC को आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा करने होंगे।
भारत सरकार ने ये तय किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 खत्म होने से पहले ही एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) आ जाएगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले तक एलआईसी की वैल्युएशन 12 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी जो अभी घटकर आधी (6 लाख करोड़ रुपये) हो गई है।
अगर सरकार 6 लाख करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर भी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचती है तो सरकार इससे करीब 21 हजार करोड़ रुपये कमाएगी।
LIC IPO भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इससे पहले पेटीएम का आईपीओ 18,300 करोड़ रुपये देश का सबसे बड़ा आईपीओ था।
पहले की तुलना में अब निवेशकों के लिए कम शेयर होंगे। यानी अब निवेशकों के बीच LIC आईपीओ को लेकर कॉम्पटीशन बढ़ेगा।
पहले भारत सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की सोच रही थी। इस लिहाज से LIC के करीब 31.6 करोड़ शेयर बाजार में आते।
अब सरकार ने LIC की केवल 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। इससे अब बाजार में सिर्फ 22.14 करोड़ शेयर ही जारी किए जाएंगे।
आपको बता दें की सरकार द्वारा 1.5 फीसदी हिस्सेदारी काम बेचने से करीब 9.4 करोड़ शेयर कम हो गए हैं। जिससे कम्पटीशन बढ़ने की संभावना है।
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