तीन रंग का वस्त्र नही, ये ध्वज देश की शान है,हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैऔर तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
ना सरकार मेरी है ना रौब मेरा है,ना बड़ा सा नाम मेरा है,मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है,मै हिन्दुस्तान का हूँ और हिन्दुस्तान मेरा है,
है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर,इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं,है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं.
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यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तोये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगीऔर पूजे न गए वीर तोसच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी.
दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत,हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारतदस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,कि दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत.
भारत का वीर जवान हूँ मैं,ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,जख्मो से भरा सीना हैं मगर,दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,भारत का वीर जवान हूँ मैं.